जय बाबा कमलाहिया अराधना बारे में
जय बाबा कमलाहिया अराधना संस्था का गठन मनोज कुमार भारद्वाज वर्ष 2008 को किया गया। 3 दिसम्बर 2008 को संस्था को हिमाचल प्रदेश सहकारिता सभाएं में पजीकृत किया गया। संस्था का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण हिमाचल प्रदेश है। हमारा पंजीकृत कार्यालय प्रभू निवास, गांव व डाकघर अमरोह, तहसील भोरंज, जिला हमीरपुर हिमाचल प्रदेशहै।
संस्था के गठन का उदेश्य पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन, गांवों को विकास, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, जागरूकता व समाज में विभिन्न प्रकार की समस्याएं है उनका समाधान कर समाज को उन्नति की ओर ले जाना है।

संस्था का ध्येयः हम संस्था के माध्यम से
पर्यावरण संरक्षण के तहत जागरूकता, कर्तव्य ओर सम्मान की भावना को विकसित कर मिटटी, पत्थर, चट्टानों, जल, जंगलों से बनी अपनी इस धरती को हमें सुरक्षित व संरक्षण करना है। मिशन ग्रीन के तहत बड़े स्तर पर पौधा रोपण, जल संरक्षण अपने बनों को आग से बचाना व घर-2 जाकर पर्यावरण संरक्षण हेतू व जल संरक्षण हेतू जागरूकता कार्यक्रम करना है। पर्यावरण संरक्षण के लिए संस्था इस बात पर जोर देगी कि घरों, शिक्षा संस्थानों, युवाओं के मन में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को अर्न्तमन प्रवेश करवाना व बच्चों व युवाओं में पर्यावरण संक्षण के प्रति एकजुट होकर जागरूकता लाना है।

आपदा प्रबंधन के लिए सरकार व प्रशासन के सहयोग से संस्था गांव-2 में नुकड़ नाटक, पम्पलेट, पोस्टर, होर्डिगंस द्वारा जागरूकता कार्यक्रम व हर पंचायत से कम से कम 10 से 20 संख्या में 18 से 45 साल के युवाओं को आपदा प्रबंधन कार्य के लिए ट्रेनिंग व लग्न के साथ इस कार्य में सहयोग करना है।

गांवों का विकास गांव करना
गांव हमारे समाज में अहम भूमिका निभाते है हमारे भारत की 90 प्रतिशत आवादी गांवों में रहती है। क्योंकि जीवन निर्वहन के लिए जितनी भी मूल भूत वस्तुएं है वह सभी हमें गांवों से ही मिलती है। अन्न, सब्जियां, दूध, पानी, कार्य करने के लिए व्यक्ति व और भी कितने ही साधन जो की गंाव में ही मिलते है। आज गांवों की परिस्थिितियां ठीक नहीं है कारण है युवाओं का शहरी क्षेत्रों की और रोजगाार की तलाश और फिर वही पर रह जाना जिस कारण गांवों में भूमी/खेती बंजर होती जा रही है। हमारे गांवों में ही इतने संसाधन है कि युवाओं को शहरों की और आने की आवश्यकता ही नही है।
ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए कार्य करना, आजिविका के साधन मुहैया करवाना, लोगों को गरीबी, भुखमरी, दुख बिमारी से मुक्ति दिलाना। गांवों में कृषि कार्य, पशु पालन, जैविक खेती, कौशल के साधन, युवाओं को मुख्यतः रूप से कृषि, पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबन्धन, महिलाओं की सहभागिता एवं ़इस प्रकार के कार्य करना जिससे गांवों का युवा वर्ग गांव में ही रहकर सुख शान्ति से जीवन निर्वहन कर सके व उन्हें विभिन्न -2 आजिविका के संसाधनों में लगाना है। गांवो के विकास के लिए रसायन मुक्त खेती के जागरूकता कार्यक्रम के तहत गांव-2 में कार्यशालाओं के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करना है। उन्हें जैविक खेती की तकनिक व प्रशिक्षण देना। जिससे किसानों को खेतों में रसायनों के उपयोग के कारण होने वाले नुकसान और धीरे-2 उपज घटने जैसे विषयों के बारे में जागरूक करना है।

महिला सशक्तिकरण

महिला सशक्तिकरण हेतू कार्य करना महिलाएं किसी भी समाज का स्तम्भ है। हमारे आस-पास महिलायें , बेटियां, संवेदनशील माताएं, सक्षम सहयोगी और अन्य कई प्रकार की बड़ी कुशलता व सौम्यता से निभा रहीं है। आज भी दुनिया के कई हिस्सों में समाज उनकी भूमिका को नजर अंदाज करता है। इसके चलते महिलाओं का बड़े पैमाने पर असमानता, उत्पीड़न, वित्तीय निर्भरता और अन्य सामाजिक बुराईयों का खामियाजा सहन करना पड़ता है। सदियों से ये बंधन महिलाओं को पेशेवर व व्यक्तिगत ऊंचाइयों को प्राप्त करने से अवरूद्ध करते रहे है। महिलाओं का आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्तिकरण, महिलाओं को समाज में उचित सम्मानजनक स्थिति पर पहँुचाने के लिए जय बाबा कमलाहिया अराधना संस्था महिला सशक्तिकरण के तहत कार्यक्रम किए जाने है, जो महिलाओं के आत्म सम्मान, आंतरिक शक्ति और रचनात्मकता को पोषण करने के लिए ठोस आधार प्रदान करना है। इस तरह से महिलाएं अपने कौशल, आत्मविश्वास और शिष्टता के आधार पर दुनिया की किसी भी चुनौती को संभालने में सक्षम है।

जय बाबा कमलाहिया अराधना द्वारा महिला सषक्तिकरण के 6 कार्य
1. सुदृढ़ बनाना
2. कुशल बनाना
3. समाजिक सशक्तिकरण
4. कृषि कार्य पर बल
5. शिक्षा
6. रोज़गार

शिक्षा

शिक्षा का असल मकसद तो व्यक्ति को इस काबिल बनाना है जिससे वह आराम से अपने जीवन का निर्वाह कर सके। इसका मतलब यह है कि व्यक्ति अपने लिए बेहतर निर्णय ले सके और समाज में एक जिम्मेदारी के साथ, सामंजस्य बना कर चल सके।

आखिर शिक्षित हाने का असल मकसद क्या है?
जब हम बात करते है कि शिक्षा का असली महत्व क्या है तब हमारे सामने कई तरह की चीजें उभर कर आती है जैसे नौकरी, जागरूकता आदि। मगर क्या वाकई शिक्षित होने के यही मायने हैं?
आजकल जिस तरह से लोग मानसिक तनाब की बात करते है उससे ऐसा लगता है जैसे शिक्षा के मायने जीवन में शायद छूट रहे हैं।
दरसल शिक्षा का मकसद व्यकित को तनाव देना नहीं है बल्कि तनावमुक्त करना है। शिक्षा बदलते समय में केवल किताबों और अधिकतम नौकरी तक सीमित रह गई है। शिक्षा का असल मकसद तो व्यक्ति को इस काबिल बनाना है जिससे वह आराम से अपने जीवन का निर्वाह कर सके। इसका मतलब यह है कि एक व्यक्ति अपने लिए बेहतर निर्णय ले सके और समाज में एक जिम्मेदारी के साथ, सामंजस्य बना कर चल सके।
मनुष्य बाकी प्राणियों से अधिक विकसित है तो उसे इस बात का परिचय देना चाहिए। बुद्धि का उपयोग शिक्षा अर्जित करने के लिए करना चाहिए और जीवन को कलह-मुक्त तथा सुगम बनातें हुए मानव को ज्ञान के अथक भंडार की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ना चाहिए। मगर आधुनिक शिक्षा प्रणाली मनुष्य को इस कार्य के लिए तैयार नही ंकर रहीं है बल्कि यह हमें एक जीती-जागती मशीन बनने का निर्देश दे रही है।
केवल औपचारिक रूप से शिक्षित होने से आप जीवनयापन तो कर सकते हैं मगर जीवन में बिना ठोस शिक्षा के आप कुछ हासिल नही ंकर सकते।
शिक्षा को रोजगार से जोड़ने में कोई बुराई नहीं। समस्या है रोजगार पर शिक्षा को अति-निर्भर करने की। हर शिक्षित व्यक्ति पर आज आर्थिक निर्भरता का दबाव बनता है जिस कारण लोग अपनी रूचि का कार्य करने से पीछे हट जाते हैं। जबकि शिक्षा को इस व्यक्ति का चरित्र-निर्माण इस प्रकार करना चाहिए जिससे व्यक्ति मुश्किलों से जूझ सके।

शिक्षा का मकसद है हमारे व्यक्तित्व का एक सही रूप से निर्माण करना हमें समाज में एक अच्छा नाम मिलना, अच्छी नौकरी, अच्छा पद प्राप्त होना जिससे हम आगे बढते हैं और हमारे साथ परिवार और हमारा समाज भी आगे बढता है।

स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना संस्था का मकसदः
संस्था का उदेश्य आम नागरिाकों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के प्रति जागरूक करना इसके लिए समय-2 पर निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाना। संस्था मानना है कि अच्छा ज्ञान और स्वास्थ्य तन-मन को मजबूत करता है। जो मजबूत समाज का निर्माण कर सकता है। स्वस्थ शरीर स्वस्थ जीवन का आधार होता है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए क्या जरूरी है और क्या नहीं जब तक पता नहीं होगा तब तक व्यक्ति इसका चुनाव नही ंकर पाएगा। इसलिए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और शिक्षित होना जरूरी है। जय बाबा कमलाहिया अराधना संस्था द्वारा समय-2 पर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाना उसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा लोगों का परीक्षण किया जाना। उन्हें निःशुल्क दवाईयां भी उपलब्ध करवाना है। लागों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में संस्था द्वारा अधिक से अधिक कार्य करना है।
संस्था के अध्यक्ष एम.के भारद्वाज का मानना है कि जो लोग बीमार है और इलाज के लिए अपना परीक्षण नहीं करा सकते हैं दवा नहीं खरीद पाते है उनकी सहायता करना उनको दवाईयां उपलब्ध कराना जिससे कि उनका इलाज हो सके।

जागरूकता
जय बाबा कमलाहिया अराधना संस्था जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समय -2 पर समाज में विभिन्न सामाजिक मुद्धो पर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है व चलाती रहेगी जिसमें पर्यावरण सरंक्षण, आपदा प्रबंधन, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान, जैविक खेती को बढ़ावा, सड़क सुरक्षा, नशा मुक्ति, खाद्या वस्तुओं का सदुपयोग, कैरिया कांसलिंग व अन्य विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम करवाना है।

जागरूकता का अर्थ होता है जागृत करना अथवा चेतना को जगाना इसे सामाजिक जागरूकता के रूप में भी लिया जाता है।

सामाजिक प्रगति का अर्थ होता है, एक साथ चलते हुए आपसी एकता को मजबूत बनाना। सामाजिक जागरूकता कैसे पैदा की जा सकती है? सामाजिक चेतना जब एक विशेष आदर्श से प्रभावित होती है और लोगों में उस आदर्श के कारण एक नवजागरण पैदा होता है, तभी सामाजिक जागरूकता संभव है।

JBK Aradhana Introduction

JBK Aradhana (NGO) is grass route organization, started in Dec. 2008 with the Mission to work towards the environment protection, empowerment of women in all spheres, inspire lifelong learning, advance knowledge and strengthen our communities.

Our focus areas:
  • Environment : Water Conservation, Water Harvesting, Cleanness, Save Forest, Natural Farming & Disaster Management
  • Women Empowerment: Livelihood, Skill Development, Women Employment, Women Sensitization &Legal Awareness
  • Education : Education Empowerment, Career Guidance & Skill Development
  • Health : Blood Donation Camp, Medical Camp, Mental Health, Drug Addiction, Health & Sanitation Activities
  • Rural Development : Agriculture, Soil Conservation, Rural Truism, Sports & Animal Welfare
  • Awareness : Gender Equality, Road Safety, Save Food & Agriculture Awareness

From the President’s Desk

JBK Aradhana (NGO) is grass route organization, started in Dec. 2008 with the Mission to work towards the environment protection, empowerment of women in all spheres, inspire lifelong learning, advance knowledge and strengthen our communities. Various types of problems in the society by solving them and taking the society towards progress.

It is a secular, Non-Political Organization aiming social transformation through people’s participation at all levels. It was grown in promoting a harmonious cooperation between various talents and professions for development of the deprived sections of the society. It is originated with challenge against the exploited, unjust systems and structures in the society and intervened with cultural and sociological enquiries to improve the quality of life and bring a change within the society at all levels. The team consisting of energetic youths guided by learned professors, progressive lawyers and Doctors with the leadership of experienced energetic founder whose motivation and initiation lead to the emergence of Jai Baba Kamlahiya Aradhana.

To work as a catalyst for the socio-economic development on a sustainable manner of the underprivileged section of people such as:
  • Promote Self Help Groups (SHGs).
  • Impart training for gainful employment /self-employment.
  • Implement women development schemes in different fields of unemployment programmes and to start cottage industries for employment/self-employment.
  • Gender sensitisation.

Board of Trustees

Name Age/Sex Designation
Manoj Kumar Bhardwaj 42/Male President
Anil Kumar 42/Male General Secretary
Vijay Kumar 42/Male Cashier
Bandana Devi 37/Female Member (Legal Advisor)
Rakesh Kumar Guleria 42/Male Member
Naresh Kumar 38/Male Member
Chander Shakher 35/Male Member

Experts and Resource Persons

Sr. No. Name Qualification Experience
1 Mrs. Sarika Katoch MA Rural Development, BA Commerce 14 years’ Experience
2 Sh. Yudhbeer Singh Pathania Retired Dy. Director Agriculture 34 years’ Experience
3 Kuldeep Singh Guleria Retired SMS, Agriculture 32 years’ Experience
4 Dr. Deepak Pathania PhD. Chemistry, Proffer and Head cum Dean, CU Jammu (Student Welfare & Environment Science) 25 years’ Experience
5 Dr. Kishore Chand Azad Dy. Director, Agriculture 32 years’ Experience
6 Sh. Lal Singh Dy. Director NYK
7 Sh. Narender Sood Principal Principal
8 Sh. Hakam Chand Pathania Principal Principal
9 Dr. Sarna PhD Psychology 16 years’ Experience
10 Smt. Bandna Devi LLB, LLM, MA English Child Right, Pocso Act, Juvenile Justice and Legal Advice
11 Sh. Man Singh Kapoor NEHA NGO 30 Years Experience NGO Work
12 Sh. Pardeep Sharma ERA NGO 34 Years Experience NGO Work
13 Miss. Sunita M.Phil, Horticulture 7 years Experience